लेखनी कहानी -08-Jun-2022
दिल आज कल बीमार है,
इस पर चढ़ा तेरा ही खुमार है,
सुनता नहीं मेरी कोई बात हैं,
जागता रहता सारी सारी रात हैं,
भूख आज कल लगती नहीं,
तूझसे बात किए बिना प्यास भी बुझती नहीं,
दिल आज कल बीमार है,
इस पर चढ़ा तेरा ही खुमार है।।
हर किसी में दिखती तेरी तस्वीर है,
तेरे बिना फूटी मेरी तकदीर हैं,
तू मेरी पूजा, तू ही मेरी इबादत है,
तू मेरे हर गुनाह की जमानत हैं
तू मेरी सुबह, तू ही मेरी शाम है,
तुझे ही जुड़ा मेरा नाम हैं
दिल आज कल बीमार है,
इस पर चढ़ा तेरा ही खुमार है।।
Gunjan Kamal
08-Jun-2022 03:15 PM
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 👌🙏🏻
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Swati chourasia
08-Jun-2022 02:05 PM
बहुत खूब 👌👌
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Raziya bano
08-Jun-2022 12:52 PM
Superb
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Pravin Sharma
08-Jun-2022 01:05 PM
Thx
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